पादप कोशिका और जंतु कोशिका के बीच में अंतर क्या है: नमस्कार दोस्तों आज हम आप लोगों को इस पोस्ट के माध्यम से यह बताना चाहता हूं पादप कोशिका और जंतु कोशिका के बीच में अंतर स्पष्ट करने के बारे में बात किया जाए तो हम लोगों को या देखने को मिलने वाला है पादप कोशिका अर्थात पेड़ पौधों के कोशिकाओं से जो उनका शरीर बनता है उनको पादप कोशिका कहते हैं अर्थात जीवन की सबसे छोटी इकाई जो शरीर की सबसे छोटी इकाई होती है नहीं कोशिकाओं को मिलाकर अन्य बनता है जैसे अगर हम पादप कोशिकाओं के बारे में बात करें तो पादप कोशिकाओं से मिलकर जड़ तना और पहनी बनता है इसी प्रकार से अगर बात किया जाए जंतु कोशिका के बारे में तो कोशिका जो होता है वह अंग का सबसे छोटा भाग होता है कई कोशिकाओं को मिलाकर एक अंग बनता है और कई रंगों को मिलाकर एक शरीर बनता है तो शरीर की सबसे छोटी इकाई कोशिका कह सकते हैं उसी प्रकार से पादप कोशिका और जंतु कोशिका में अंतर भी होता है इनके अंतर के बारे में हम आप लोगों को नीचे बहुत ही विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे ताकि आपको इन सारी चीजों के बारे में जानकारी हासिल करने में कोई दिक्कत ना हो और जान सके कि आखिर में पादप कोशिका किस प्रकार से कार्य करता है और इसमें आप लोगों को जंतु कोशिकाओं में क्या अंतर देखने को मिलता है उसके बारे में हम आप लोगों को यहां पर पूरी जानकारी प्रदान करेंगे जंतु कोशिका और पादप कोशिका में अंतर निम्नलिखित हैं
जंतु कोशिका और पादप कोशिका में अंतर || Jantu koshika aur paadap koshika mein antar
नीचे हम आप लोगों को जल्द कोशिका और पादप कोशिका के अंतर के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करने वाले हैं ताकि आपको उनसे संबंधित जानकारी को हासिल करने में कोई दिक्कत ना हो और आप लोग उनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सके जो टेबल के माध्यम से स्टेप बाय स्टेप आप लोगों को समझाया गया है और हमें आशा है कि आप लोगों को जानकारी हो तो अच्छा लगेगा
जंतु कोशिका | पादप कोशिका |
जंतु कोशिका में कोशिका भित्ति नहीं होती | पादप कोशिका में प्रोकैरियोटिक कोशिका में केंद्रक झिल्लीकोशिका भित्ति पाई जाती है |
इसमें प्लाज्मा झिल्ली बाहरी आवरण होता है | इसमें हरित लवक पाए जाते हैं |
जंतु कोशिका में लवक नहीं पाया जाता | इसमें प्लाज्मा झिल्ली बाहरी आवरण नहीं होता है |
जंतु कोशिका में रस धनिया अपेक्षाकृत छोटी होती | सैंटरोसोमअनुपस्थित होते हैं |
जंतु कोशिका में सैंटरोशाम पाया जाता है | रितिका है बड़ी एवं संख्या में कम होती हैं |
इसमें हरित लवक नहीं पाया जाता है | इसमें केंद्रक पर अधिक परिधि हो सकता है |
जंतु कोशिका में अधिकांश केंद्रक मध्य में पाए जाते हैं | पादप कोशिकाओं में रस धनिया अपेक्षाकृत बड़े होते हैं |
इसमें रिक्त कहां है छोटी होती है | पादप कोशिकाओं में लवक नामक कोशिकांग होता है |
और संख्या में ज्यादा होती हैं | यह संख्या में कम होती है |
इस प्रकार से हमने आप लोगों को पादप कोशिका और जंतु कोशिका में क्या अंतर होता है उसके बारे में आप लोगों को जानकारी दिया और इसके बारे में आप लोगों को बेहतर से समझाया है कि आप लोग अगर नहीं जानते हैं कि कोशिका का मतलब क्या होता है आखिर कोशिकाएं हमारे शरीर के लिए इतनी उपयोगी और इतनी जरूरतमंद क्यों होती है इन सारी चीजों के बारे में अगर आप लोगों को जानना है तो आप लोगों पर दिए गए टेबल के माध्यम से या जान सकते हैं कि जो जंतु कोशिकाएं होती हैं उसमें कोशिका भित्ति होती है अर्थात की उसमें जो नई कोशिकाएं उत्पन्न होती है और पुरानी कोशिकाएं जो है वह खत्म हो जाती है इस प्रकार से एक चयन वाइजर इन का उत्पन्न होना और फिर नष्ट होना एक प्रक्रिया के माध्यम से चलता रहता है और अगर बात किया जाए पादप कोशिकाओं के बारे में तो पादप कोशिकाओं में भी कोशिका भित्ति पाई जाती है
और इनका भी जुड़ना और टूटना एक साथ लगा रहता है इस प्रकार से अगर आप लोगों को इसके बारे में जानना है तो आप लोग इस के अंतर को समझ लीजिए जैसे जंतु कोशिका में कोशिका भित्ति नहीं होती है पादप कोशिका में कोशिका भित्ति होती है और अगर बात किया जाए तो इसमें प्लाज्मा झिल्ली बाहर का आवरण होता है और अगर बात किया जाए तो पादप कोशिका में हरित लवक पाया जाता है जो पौधों को हरा बनाए रखता है और जंतु कोशिका में रस धमनिया अपेक्षाकृत छोटी होती हैं और जो पादप कोशिका होता है उसमें रस धनिया अपेक्षाकृत बड़ी होती हैं तो इस प्रकार से आप लोगों को इन सारी चीजों को भी समझना चाहिए और उनके बारे में हमने जो भी जानकारी आप लोगों को देना था ऊपर टेबल के माध्यम से प्रदान किया है
कोशिका क्या है || Koshika kya hai
(जीवो की जैविक क्रियाओं की रचना करने वाली और उनका संचालन करने वाली मौलिक इकाइयों को कोशिका कहा जाता) हैकोशिका एक कार्यात्मक रचनात्मक इकाई है जो शरीर के अंगो का निर्माण करती है इसकी खोज सर्वप्रथम रॉबर्ट हुक ने की थी जिसको अंग्रेजी में कार्टोलोजी(cytology) के नाम से भी जाना जाता है इसकी खोज 1665 एचडी में रॉबर्ट हुक ने किया था और सन 1839 ईस्वी में कोशिका सिद्धांत को स्लैडरऔर स्वान नामक दो वैज्ञानिकों ने इसका सिद्धांत प्रतिपादित किया था और इन सारी चीजों के बारे में जानकारी आप लोगों को होली और कोशिका के बारे में भी आप लोगों को मूलभूत जानकारी प्राप्त हो उसके लिए हमने आप लोगों को यहां पर बहुत ही अच्छी जानकारी प्रदान किए ताकि आपको इन सारी चीजों से संबंधित जानकारी हासिल करने में कोई दिक्कत ना हो और आप बहुत ही आसान बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं और हमें आशा है कि आप लोगों को उनसे संबंधित जानकारी को आगे करने में कोई दिक्कत नहीं है
और आपने बहुत ही आसानी से जान पाएंगे सारी चीजों के बारे में ताकि आप बहुत समझदार हैं उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और फिर इन्हीं दोनों वैज्ञानिकों ने यह जानकारी दिया कि कोशिका की उत्पत्ति कोशिका से ही होती है अर्थात इसमें रीसाइक्लिंग जैसी व्यवस्था रहती है की पुरानी को शिकायत समाप्त होती है तो उनसे नई कोशिकाएं उत्पन्न होती है इस प्रकार से इस में चक्कर चलता रहता है और अगर बात किया जाए तो मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि ल्यूवेन हॉक नामक वैज्ञानिक ने सर्वप्रथम जीवित कोशिका की खोज की और अगर बात किया जाए तो कोशिका के जनक किसे कहा जाता है तो इसमें आप लोगों को बताना चाहता हूं कि कोशिका का जनक कहा जाता है रावत ठोक को क्योंकि सर्वप्रथम कोशिका का खोज उन्होंने ही किया था
अगर बात किया जाए कोशिका के उत्पन्न होने के बारे में तो कोशिका में स्वाद जनन पाया जाता है महान कोशिका वैज्ञानिक ने बताया कि पुरानी कोशिकाओं के विभाजन के द्वारा नई कोशिका उत्पन्न होती है और इस प्रकार से कोशिका में स्वाद जन्म की प्रक्रिया होती है अगर बात किया जाए तो तंत्रिका कोशिका(nerve cells) और अगर बात किया जाए तो सबसे छोटी कोशिका जो मनुष्य के शरीर के अंदर रहती है उसको माइकोप्लाज्मा (mycoplasma) कहा जाता है और अगर बात किया जाए सबसे भारी और बड़ी कोशिका की तो शुतुरमुर्ग का अंडा सबसे भारी और सबसे बड़ा कोशिका है
कोशिका के प्रकार || Koshika ke prakaar
- प्रोकैरियोटिक कोशिका(prokaryotic cell)
- यूकैरियोटिक कोशिका(eukaryotic cell)
अब हम आप लोगों के समक्ष कोशिका के प्रकार के बारे में जानकारी देना चाहते हैं तो अगर कोशिका के प्रकार के बारे में बात किया जाए तो सबसे पहले हम आप लोगों को दो कोशिकाओं के बारे में जानकारी देंगे उसमें से आप लोगों को प्रोकैरियोटिक कोशिका और दूसरी होती है यूकेरियोटिक कोशिका जिनके बारे में हमने आप लोगों को यहां पर जानकारी देने का निश्चय किया है और हमें आशा है कि आप लोगों को इन कोशिकाओं के बारे में बेहतरीन जानकारी प्राप्त होगा और आप बहुत ही अच्छे से इन सभी चीजों के बारे में जानकारी हासिल कर पाएंगे और हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट के माध्यम से आप लोगों को बहुत ही अच्छे से पूरी जानकारी प्राप्त हो जाएगी और आप लोग इनसे संबंधित जानकारी को हासिल कर पाएंगे अगर बात किया जाए
प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिकाओं की खोज के बारे में तो इसकी खोज सर्वप्रथम Dougherty वा एलेन Allen ने इसकी खोज की थी और अगर बात किया जाए प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिकाओं के बीच की कड़ी के बारे में तो इसको हम और आप लोग इसे म्यूजिकएरियोटिक कहा जाता है और इस कोशिका की खोज Doudge ने की थी उदाहरण के लिए डाइनोफ्लेजीलेट(dinoflagellate) के नाम से जाना जाता है इस प्रकार से आप लोग इन सारी चीजों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं और हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट के माध्यम से आप लोगों को इसके प्रकार के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो गई होगी अब आप लोग बहुत ही अच्छे से इन सभी चीजों के बारे में जानकारी हासिल कर पाएंगे
प्रोकैरियोटिक कोशिका (prokaryotic cell)
प्रोकैरियोटिक कोशिका के बारे में हम यहां पर आप लोगों के समक्ष बात करने वाले हैं कि आखिर प्रोकैरियोटिक कोशिका किस प्रकार से काम करता है क्या होता है इतने किस प्रकार से इस में जानकारी आप लोगों को देखने को मिलने वाले हैं तो आप लोग यहां पर बहुत ही अच्छे से देख सकते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी को समझ सकते हैं प्रोकैरियोटिक कोशिका में केंद्रक झिल्ली केंद्रक से विकसित कोशिकांग अनुपस्थित होते हैं प्रोकैरियोटिक कोशिका में; 70 s ‘प्रकार के राइबोसोम पाए जाते हैं कोशिका द्रव्य के सीधे संपर्क में DNAतथा RNAने रहते हैं इनके गुणसूत्र में हिस्टोन प्रोटीन का अभाव होता है
इस प्रकार से हमने आप लोगों को प्रोकैरियोटिक कोशिका के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है ताकि आप लोगों को प्रोकैरियोटिक कोशिका के बारे में जानकारी नहीं है तो हो जाएगी और आप समझ पाएंगे कि प्रोकैरियोटिक कोशिका क्या होता है इसमें किस प्रकार की जानकारी आप लोगों को देखने को मिलती है इसमें क्या क्या आप लोगों को समझने को मिलता है इन्हीं सारी चीजों के बारे में हमने आप लोगों को जानकारी प्रदान की है और हमें आशा है कि आप लोग इन सारी चीजों से संबंधित जानकारी को बहुत ही आसानी से प्राप्त कर पाएंगे और हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट में आप लोगों को बहुत सारी जानकारी देखने को मिल जाएगी
यूकैरियोटिक कोशिका (eukaryotic cell)
नमस्कार दोस्तों आज हम आप लोगों को इस पोस्ट के माध्यम से यूकैरियोटिक कोशिकाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताना चाहता हूं कि यूकैरियोटिक कोशिकाएं वैसे कोशिकाएं हैं जो पूर्ण रूप से विकसित होती हैं यूकैरियोटिक कोशिकाएं कहलाती हैं इस प्रकार की कोशिकाएं विषाणु जीवाणु नील हरित शैवाल को छोड़कर सभी पौधे अंत में पाई जाती हैं यह रचनात्मक आधार पर पूर्ण विकसित कोशिका होती है इसी प्रकार से आप लोगों को इन सारी चीजों के बारे में जानकारी देते हुए मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं इन कोशिकाओं में झिल्ली के केंद्र न्यूक्लियर पाया जाता है जिसमें प्रोटीन के संयुक्त होने से तथा इसके अलावा केंद्र होते हैं इस प्रकार से आप लोगों को कोशिकाओं के बारे में कुछ जानकारी दे दी है अब हम आप लोगों को प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अंतर के बारे में पूरी जानकारी देना चाहते हैं जो नीचे टेबल के माध्यम से बताया गया है आप लोग से टेबल को देखने के बाद बहुत ही अच्छे से समझ पाएंगे कि प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में क्या-क्या अंतर होता है
यूकैरियोटिक और प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में अंतर || Yookairiyotik aur prokairiyotik koshikaon mein antar
इसमें निम्नलिखित अंतर होते हैं जिसके बारे में हम नीचे टेबल के माध्यम से आप लोगों को पूरी जानकारी प्रदान करने वाले हैं ताकि आप लोगों को यूकैरियोटिक और प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं के अंतर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो जाए और आप लोग बहुत ही आसानी से इन सारी चीजों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं जो नीचे टेबल के माध्यम से दिया गया है
यूकैरियोटिक कोशिका | प्रोकैरियोटिक कोशिका |
गॉल्जीकॉय, केंद्रक झिल्ली, लाइसोसोम केंद्रिका व सेन्ट्रियोल उपस्थित होते है। | गॉल्जीकॉय, केंद्रक झिल्ली, लाइसोसोम, केंद्रिका व सेण्ट्रियोल अनुपस्थित होते है। |
ये अधिक विकसित होती है। | ये कोशिकाएँ अर्द्धविकसित होती है। |
इनमें माइटोकॉण्ड्रिया, लवक व न्यूक्लियोल्स होते | इनमें कोशिका भित्ति प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट की बनी होती है। |
गुणसूत्र बहुत (Multiple) होते है। | ये प्रायः जीवाणु और नील-हरित शैवालों में पाये जाते है। |
केन्द्रक कला पाया जाता है। | केन्द्रक कला नही पाया जाता है |
कोशिका विभाजन समसूत्री व अर्द्धसूत्री होता है। DNA प्रोटीन के साथ होता है। जाता | कोशिका विभाजन असूत्री होता है। DNA प्रोटीन के साथ नही होता है। |
इसमें लैंगिग जनन होता है। | इसमें लैंगिग जनन नहीं होता है। |
ये सभी जंतुओं व पौधों में पाये जाते है। | गुणसूत्र (Chromosomes) एकल (Single) होते है। |
इनमें कोशिकाभित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है। | इनमें विकसित माइटोकॉण्ड्रिया, लवक विकसिक तथा न्यूक्लियोल्स नहीं होते है। |
इस प्रकार से हमने आप लोगों को इन सारी चीजों के बारे में पूरी जानकारी दिया और आप लोगों को बताया कि यूकैरियोटिक कोशिकाओं में और प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में क्या अंतर होता है किस प्रकार से यहां पर आप लोगों को जानकारी देखने को मिलता है इन सारी चीजों के बारे में हमने आप लोगों को बहुत अच्छे तरीके से पता है और हमें आशा है कि आप लोगों को इन सारी चीजों से संबंधित जानकारी बहुत ही अच्छी लगेगी और आप बहुत ही अच्छे से इन सभी चीजों के बारे में जानकारी भी हासिल करेंगे तो कर आप लोगों को इन सारी चीजों से संबंधित जानकारी को प्राप्त करना है और उससे संबंधित जानकारी को हासिल करना है तो आप लोग हमारे इस पोस्ट के माध्यम से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जो ऊपर टेबल के माध्यम से दर्शाया गया है

पादप कोशिका || Paadap koshika
अब हम आप लोगों को यह बताना चाहते हैं कि पादप कोशिका क्या होता है तो सबसे पहले मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं इसकी परिभाषा के बारे में जो आप लोगों के साथ प्रस्तुत किया गया है ऐसी कोशिका जिसमें तू संगठित केंद्रक नहीं होता है अर्थात केंद्रक झिल्ली अनुपस्थित होती है वह प्रोकैरियोटिक कोशिका कहलाती है अथवा पादप कोशिका भित्ति पादप कोशिका जंतु कोशिका से भिन्न होती है अर्थात आप लोग यह भी जान सकते हैं जो पादप कोशिका होती है उसका एक नाम प्रोकैरियोटिक कोशिका भी है और जो जंतु कोशिका है उसका एक नाम यूकैरियोटिक कोशिका भी है और इस प्रकार से इसमें आप लोगों को पूरी जानकारी देते हुए बताना चाहता हूं कि पादप कोशिका जंतु कोशिका से बिल्कुल अलग होता है इसमें कोशिका झिल्ली के बाहर कोशिका भित्ति होती है पादप जगत में विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे पौधे हैं कुछ एक कवक पदों को छोड़कर प्लाया सभी पौधे अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं इनके भोजन बनाने की प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं पादपों में सुख केंद्रिका प्रकार की कोशिकाएं पाई जाती हैं
पादप कोशिका के प्रकार || Paadap koshika ke prakaar
अब हम आप लोगों को पादप कोशिका के प्रकार के बारे में जानकारी देना चाहते हैं कि यह कितने प्रकार के होते हैं तो सबसे पहले मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि पादप कोशिका में मुख्यतः दो प्रकार की होती है एक पोस्ट किए पादप कोशिका और बहू को उसकी पादप कोशिका हैं जिनके बारे में हम आप लोगों को नीचे बहुत विस्तार से जानकारी देने वाले हैं इनमें से कुछ एक कोशिका से बने होते हैं 8.5 यूकैरियोटिक कोशिकाएं होते हैं जिन्हें एक कोशिकीय जीव कहते हैं जबकि दूसरे हमारे जैसे अनेक कोशिकाओं से मिलकर बने पेड़ पौधे होते हैं जिन्हें हम बहू को उसकी जिओ अर्थात बहू को उसके बाद अब जो कहते हैं इस प्रकार से आप लोग इनके बारे में जान पाएंगे अब हम आप लोगों के समक्ष या बताना चाहते हैं कि सभी कोशिकाओं के तीन मूलांक होते हैं कोशिका भित्ति कोशिका की सीमाएं तय करती हैं और इनसे आकार प्रदान होता है
डीएम ने जो केंद्रक में पाया जाता है कोशिका के अंदर पाए जाने वाला द्रव साइटो प्लाज्मा होता है और इस प्रकार से इन के 3 मुख्य भाग होते हैं आंतरिक बारी और डीएनए तो इसके बारे में आप लोगों को पूरी जानकारी हमने यहां पर प्रदान कर दी है और हमें आशा है कि आप लोगों को जानकारी बहुत ही अच्छा लगेगा पादप कोशिका की पादप कोशिका की खोज के बारे में अगर बात किया जाए तो इसी को 1665 इसी में रॉबर्ट हुक महोदय द्वारा किया गया था अब हम आप लोगों को बताना चाहते हैं कि पादप कोशिका का दूसरा नाम क्या है हाय रे काली मां काली मां कोशिका जीवित कोशिका होती है जिसमें भंडारण और समर्थन से लेकर प्रकाश संश्लेषण मौसी फिल कोशिकाएं और फ्लोएम लोडिंग स्थानांतरण कोशिकाएं तक के कार्य होते हैं उनके शव वाहन दलों में जाइलम और फाइलम के अलावा पत्तियां मुख्य रूप से पैरेंकाइमा कोशिकाओं से बनी होती हैं
जंतु कोशिका || Jantu koshika
ऊपर हमने आप लोगों को पादप कोशिकाओं के बारे में जानकारी प्रदान किया है अब मैं आप लोगों के समक्ष जंतु कोशिका क्या होता है या किस प्रकार से कार्य करता है इसके बारे में पूरी जानकारी देते हुए बताना चाहता हूं कि जो जंतु कोशिका होता है इसमें सुख संगठित केंद्रक नहीं पाया जाता है अर्थात केंद्र का झिल्ली अनुपस्थित होती है वह प्रोकार्योटिक कोशिका कहलाती है पादप कोशिका जंतु कोशिका से भिन्न होते हैं क्योंकि इनमें कोशिका झिल्ली के बाहरी कोशिका भित्ति होती है रंगीन संरचनाएं जिन्हें इसे कहते हैं केवल पादप कोशिकाओं में ही पाई जाती है जंतु कोशिका का जनक राय बटुक महोदय को 1965 से माना जा रहा है क्योंकि सर्वप्रथम उन्होंने ही कोशिका की खोज की थी इसीलिए उन्हीं के नाम से इसका नाम अभी तक चल रहा है और इन्हीं को ही इस का जनक कहा जाता है
जंतु कोशिका के प्रकार || Jantu koshika ke prakaar
अब हम आप लोगों को जंतु कोशिका के प्रकार के बारे में पूरी जानकारी देना चाहते हैं कि यह कितने प्रकार का होता है और किस प्रकार से कार्य करता है उसके बारे में आप लोगों को पूरी जानकारी यहां पर आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने वाला हूं और मैं आशा है आप लोग इन सभी चीजों के बारे में काफी अच्छी और बेहतरीन जानकारी प्रदान कर सकते हैं कि आपको इनसे संबंधित जानकारी को करने में कोई भी दिक्कत ना हो आप बहुत ही अच्छे से इन सभी चीजों के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं ताकि आपको इनसे संबंधित जानकारी को हासिल करने में कोई दिक्कत ना हो यह भी मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं उसके बारे में हम आप लोगों को आगे बताएंगे और इसके भाग के बारे में हम आप लोगों को जानकारी देना चाहते हैं कि जनता के कितने भाग होते हैं तो मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं एक बस कोशिका के 13 भाग दिखाएं होती हैं जिनके बारे में हम आप लोगों को एक-एक करके सभी को बताना चाहता हूं जो नीचे आप लोगों को लिस्ट के माध्यम से दर्शाए गए हैं
- रिक्तिकाएँ,
- कोशिका द्रव्य
- पुटिका
- केंद्रक
- राइबोसोम
- परमाणु झिल्ली
- कोशिका झिल्ली
- साइटो स्केलेटन
- माइट्रोकांड्रिया
- एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम
- न्यूक्लियोलस
- गोलगी तंत्र
- नाभिक
इस प्रकार से हमने हमने आप लोगों को जंतु कोशिका के मुख्य 13 भागों के बारे में पूरी जानकारी प्रदान कर दिए जो ऊपर लिस्ट के माध्यम से आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया है और आप लोग इन सारी चीजों के बारे में काफी अच्छे से जानकारी हासिल कर सकते हैं हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट के माध्यम से आप लोगों को बहुत ही अच्छे से पूरी जानकारी देखने को मिल जाएगी और हमें आशा है कि आप लोग इनसे संबंधित जानकारी को बहुत ही आसानी से प्राप्त कर पाएंगे ताकि आप लोगों को जानकारी जानकारी आप लोगों को बहुत ही अच्छे से देखने को मिलेगा
कोशिका के मुख्य घटक कौन-कौन से हैं || Koshika ke mukhy ghatak kaun-kaun se hain
कोशिका के मुख्य घटक नीचे निम्नलिखित हैं जो मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं जिसको हमने आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया है अब आप लोग इसे देख सकते हैं
- कोशिका झिल्ली
- कोशिका द्रव्य
- केंद्रक
हम आप लोगों को बताना चाहते हैं कि कोशिका के मुख्य घटक के रूप में मुख्य रूप से तीन घटक पाए जाते हैं उन तीनों के बारे में हम नीचे लिस्ट के माध्यम से आप लोगों के साथ शेयर करना चाहते हैं ताकि आप लोग इस लिस्ट को देखकर जान सके कि यह किस प्रकार से आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है और इसमें क्या क्या आप लोगों को देखने को मिलेगा तो अगर आप लोग भी उनसे संबंधित जानकारी को प्राप्त करना चाहते हैं कि हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट के माध्यम से आप लोगों को पूरी जानकारी देखने को मिल जाएगी और आप लोग बहुत ही आसानी से इन सभी चीजों के बारे में जानकारी भी हासिल करेंगे तो हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट में आप लोगों को जो भी जानकारी देखने को मिलने वाले ही उसे आप लोग बहुत ही आसानी से प्रस्तुत कर सकते हैं और इसके बारे में जानकारी भी आ सकते हमें आशा है कि आप लोगों को जानकारी बहुत ही अच्छे से प्राप्त हो जाएगी
पादप कोशिका का चित्र || Paadap koshika ka chitr
अब हम आप लोगों के समक्ष पादप कोशिकाओं का चित्र यहां पर आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे ताकि आप लोगों से चित्र को देखकर जान सकेंगे कि इसके कितने प्रकार होते हैं इसमें कितने भाग होते हैं इस में क्या-क्या पाया जाता है कौन-कौन से अंग होते हैं और किस प्रकार से अंग्रेज का निर्माण करते हैं और पादप कोशिकाओं में हरित लवक किस प्रकार से कार्य करता है इन्हीं सारी चीजों के बारे में हम आप लोगों को पूरी जानकारी प्रदान करने वाले हैं ताकि आपको उनसे संबंधित जानकारी को हासिल करने में कोई दिक्कत ना हो इसके जनक कौन है इन सारी चीजों से संबंधित जानकारी को अगर आप लोगों को प्राप्त करना है तो आप लोग नीचे दिए गए चित्र को देख सकते हैं
जंतु कोशिका का चित्र || Jantu koshika ka chitr
आप लोगों कोशिकाओं के चित्र के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं अगर आप लोग जंतु कोशिका का चित्र देखकर जानना चाहते हैं चित्र के माध्यम से समझना चाहते हैं कि इसमें क्या क्या पाया जाता है और किस प्रकार से इनमें जानकारी आप लोगों को देखने के कितने भाग होते हैं किस प्रकार से कार्य करते हैं तो आप लोगों को यहां पर पूरी जानकारी बहुत ही अच्छे से प्रदान की जाएगी इनसे संबंधित जानकारी को हासिल करने में कोई दिक्कत भी नहीं होगा तो अगर आपको इन सारी चीजों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करना है तो हमारे द्वारा बताया गया इस पोस्ट के माध्यम से आप लोगों को बहुत ही अच्छे से पूरी जानकारी देखने को मिलने वाली है और हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट के माध्यम से बहुत ही अच्छे से पूरी जानकारी आप लोगों को देखने को मिल जाएगी और हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट में आप लोगों को इस चित्र को देखकर उसके प्रकार का रंग किस प्रकार से यह अंग को बनाते हैं इन सारी चीजों के बारे में पूरी जानकारी आप लोगों को बेहतरीन तरीके से देखने को मिल जाएगी और हमें आशा है कि आप लोगों को जानकारी देखने को मिलेगा तो आप लोग इससे संबंधित को हासिल करेंगे और प्रस्तुति करेंगे ताकि आपको कोई दिक्कत ना पड़े
पादप कोशिका के कार्य || Paadap koshika ke kaary
अब हम आप लोगों को बताना चाहते हैं कि पादप कोशिका का क्या कार्य होता है या किस प्रकार से कार्य करता है उसके बारे में आप लोगों को नीचे बहुत ही अच्छे से जानकारी प्रदान किया है मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि आज झिल्ली पौधे एवं जंतुओं की कोशिकाओं को आकृति प्रदान करता है जो पादप कोशिका होता है एक चिल्ली के आकार का होता है जो पौधों को उसकी आकृति प्रकार प्रदान करता है जैसे कि उसके पत्तियों का आकार उसके जड़ का आकार उसके तनाका कर उसके फलों का आकर्षक जितने भी अंग पेड़ पौधों में पाए जाते हैं उनको आकार को निश्चित करने की जो प्रक्रिया है उसके शारीरिक बनावट और उसके तालियों के बारे में पत्तियों के बारे में जो भी आकार देता है वह सारी की सारी कार्य को कोशिका ही करती हैं और पादप कोशिकाओं में एक अतिरिक्त आवरण होता है जिसे कोशिका भित्ति कहते हैं
यह कोशिका को आकार एवं दृढ़ता प्रदान करता है अर्थात मजबूती प्रदान करता है जीवा कोशिका भित्ति नहीं पाई जाती अर्थात जो जंतु कोशिका होती है उसमें कोशिका भित्ति अर्थात वह जो दृढ़ता होती है उसके आकार में मजबूती होती है वह नहीं पाई जाती है तो इसी प्रकार से पादप कोशिका के कार्य के बारे में हमने आप लोगों को जानकारी दी कि या किस प्रकार से कार्य करता है इसका संरचना किस प्रकार से होता है इन सारी चीजों के बारे में पूरी जानकारी आप लोगों को यहां पर दिया गया है अब हम आप लोगों को बताना चाहते हैं कि पादप कोशिकाओं के कुछ मुख्य कार्य होते हैं जैसे प्लांट सेल का जो कार्य होता है वह होता है प्रकाश संश्लेषण की क्रिया पादप कोशिकाओं के क्लोरोप्लास्ट में होती है या सूर्य के प्रकाश में कार्बन डाइऑक्साइड और पानी का उपयोग करके पौधों द्वारा भोजन तैयार करने की प्रक्रिया है इसके बारे में आप लोग बहुत ही आसानी से देख सकते हैं इसके बारे में जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं ताकि आपको उसमें कोई दिक्कत ना हो और आप लोग बहुत ही आसानी से इसके कार्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं अब हम आप लोगों को बताना चाहते हैं कि
पौधों के यूकैरियोटिक कोशिकाएं होती हैं जिनमें बड़े दिखाएं सैलूलोज युक्त कोशिकाएं और क्लोरोप्लास्ट जैसे होते हैं विभिन्न प्रकार के पादप कोशिकाओं में पैरा काईमल और कॉलेज का ईमेल और इसके लिए नई कोशिकाएं शामिल हैं तीन प्रकार के संरचना और कार्य में भी होती है इसके बारे में हमने आप लोगों को बहुत ही आसानी से जानकारी प्रदान किया है और हमें आशा है कि आप लोगों को इनसे संबंधित जानकारी को हासिल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी और आप बहुत ही आसानी से इसके बारे में जानकारी हासिल कर पाएंगे तो हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट में आप लोगों को बहुत ही अच्छी जानकारी मिल जाएगी
जंतु कोशिका के कार्य || Jantu koshika ke kaary
हम आप लोगों को बताना चाहते हैं कि जंतु कोशिका का क्या कार्य होता है इसके बारे में आप लोगों को क्या-क्या जानकारी देखने को मिलने वाला है आपने किस प्रकार से कार्य किया जाता है इसके बारे में आप लोगों को पूरी जानकारी यहां पर देखने को मिल जाएगी और मैं द्वारा बताए गए इस पोस्ट के माध्यम से आप लोग बहुत ही अच्छे से पूरी जानकारी को हासिल कर सकते हैं हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट में आप लोगों को जो भी जानकारी देखने को मिलेगा उसमें आप लोग बहुत ही अच्छे थे पूरी जानकारी को हासिल कर सकते हैं इसमें आप लोगों को कोई भी जानकारी इस प्रकार से नहीं है जो आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत की जाए जिससे कि आप उसके बारे में जानकारी हासिल ना कर सके तो हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट में आप लोगों को बहुत ही अच्छे से पूरी जानकारी देखने को मिल जाएगी
और आप बहुत ही अच्छे से इन सभी चीजों के बारे में पूरी जानकारी को हासिल कर सकते हैं हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट में आप लोगों को सारी चीजें बहुत ही अच्छे से समझा जाएंगे ताकि आप से संबंधित जानकारी को हल करने में कोई दिक्कत ना हो अब हम आप लोगों को बताना चाहते हैं कि इसका मुख्य कार्य क्या होता है तो कोशिका केंद्रक के भीतर स्थित होता है गुणसूत्र केंद्रिका के भीतर स्थित होता है कोशिका झिल्ली केंद्र के चारों तरफ स्थित होता है कोशिकाओं में प्रवेश करने वाले एवं बाहर जाने वाले पदार्थों का नियंत्रण कोशिका ही करती है तो इस प्रकार से कोशिका के यह मुख्यतः तीन का है और इसके बारे में आप लोगों को पूरी जानकारी भी प्रदान की गई है
निष्कर्ष/concluaction
इस प्रकार से हमने आप लोगों को इसके बारे में पूरी जानकारी प्रदान किए ताकि आप लोग इन सारी चीजों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें और हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट में आप लोगों को बेहतरीन जानकारी मिल सके तो हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट में आप लोगों को किस प्रकार की जानकारी देखने को मिलती है उसके बारे में हमने आप लोगों को बहुत ही अच्छे से जानकारी प्रदान करें और मैं द्वारा बताए गए पोस्ट में आप लोगों को बहुत ही अच्छे से पूरी जानकारी देखने को मिलने वाली ताकि आप समझ सके कि इसमें जंतु कोशिका का आकार क्या है बादकपुर स्काई का कार्य क्या है कुछ गांव के मुख्य घटक कौन-कौन से हैं इनका कार्य क्या है और जंतु कोशिका ओं के कितने प्रकार होते हैं
उनकी कितने अंग होते हैं कितने भाग होते हैं पादप कोशिकाओं के प्रकार पादप कोशिका जंतु कोशिका यूकैरियोटिक कोशिका और प्रोकैरियोटिक कोशिका में अंतर यूकैरियोटिक कोशिका की कोशिका क्या है और कोशिका के प्रकार क्या है इन सारी चीजों के बारे में और सभी प्रश्नों के उत्तर आप लोगों को यहां पर देखने को मिल जाएंगे और आप बहुत ही आसानी से इन प्रश्नों के जवाब दे पाएंगे जो आप लोगों के समक्ष यहां पर प्रस्तुत किया गया है और हमारे इस पोस्ट का मुख्य जो भूमिका है वह आप लोगों को बताना है कि पादप कोशिका और जंतु कोशिका ओं के बीच क्या अंतर होता है उसके बारे में आप लोगों को पूरी जानकारी देना होता है तो आप लोग इसके बारे में किस प्रकार से जानकारी प्राप्त करेंगे उसके बारे में भी यहां पर जानकारी प्रदान किया गया है और हमारे द्वारा बताए गए इस पोस्ट के माध्यम से आप लोग बहुत ही अच्छे से पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं
कोशिका की खोज किसने की थी
रॉबर्ट हुक महोदय ने
कोशिका के जनक किसे कहा जाता है
रॉबर्ट हुक महोदय को
कोशिका की किस सन में इसकी खोज हुई थी
1665 ईस्वी में
कोशिका कितने प्रकार के होते हैं
कोशिका दो प्रकार के होते हैं 1. यूकैरियोटिक कोशिका 2.प्रोकैरियोटिक कोशिका